Monday, November 3, 2008

किसी मोड़ पर मुलाकात होगी


कहाँ आंसुओं की ये सौगात होगी...नए लोग होंगे नयी बात होगी....

मैं हर हाल में मुस्कुराता रहूँगा...तुम्हारी मोहब्बत अगर साथ होगी...

चरागों को आँखों में महफूज रखना...बड़ी दूर तक रात ही रात होगी...

न तुम होश में हो न हम होश में हैं...चलो मयकदे में वहीँ बात होगी...

जहाँ वादियों में नए फूल आयें...हमारी- तुम्हारी मुलाकात होगी...

सदाओं को अल्फाज मिलने न पायें...न बादल घिरेंगे न बरसात होगी...

मुसाफिर हैं हम भी मुसाफिर हो तुम भी...किसी मोड़ पर फिर मुलाकात होगी...


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