Saturday, March 7, 2009

गांधीवाद बनाम गांधीगीरी










दे दी हमें आज़ादी बिना खड़ग बिना ढाल...साबरमती के संत तूने कर दिया कमाल...वाकई में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने जंग-ए-आज़ादी की लड़ाई में अहिंसा के रास्ते पर चलते हुए देश को स्वतंत्र तो करा दिया लेकिन आज आज़ादी के साठ साल बीत जाने के बावजूद गांधी अपने ही देश में बेगाने हो गए हैं,,,न्यूय़ॉर्क में गाधी के जीवन से जुड़ी चीजों की 5 मार्च 2009 को नीलामी हुई...आखिरकार बापू का चश्मा...जेब घड़ी..एक जोड़ी चमड़े की चप्पलें..पीतल की थाली और एक कटोरी नीलाम हो गई...गौर करने वाली बात है कि बापू के इन सामानों को खरीदा शराब व्यवसाई विजय माल्या ने...माल्या देश की जानी-मानी शराब कंपनी यूनाइटेड ब्रेवरीज के मालिक हैं...यानी गांधी जी ने जिस एक चीज की ज़िंदगी भर मुखालफत की...उसी को बनाने वाली कंपनी के मालिक ने गांधीगीरी दिखाते हुए उनके व्यक्तिगत सामानों को क़रीब नौ करोड़ रुपये में खरीदा..खैर गांधीगीरी और नेतागीरी का नया घालमेल आजकल देखने को मिल रहा है तो माल्या ने गांधी की विरासत को खरीद लिया तो उसमें हर्ज ही क्या है...अब सवाल उठता है कि क्या सरकार के पास गांधी की विरासत को सहेजने के लिए नौ करोड़ रुपये नहीं हैं..या सरकार को इस विरासत की हिफाजत करने में कोई दिलचस्पी ही नहीं है...ज्यादा दूर मत जाइये..देश की ही बात कर लेते हैं...कोदाल आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली में गांधी संग्रहालय से बापू की छह हजार से ज्यादा चिट्ठियां गायब हो चुकी हैं...लेकिन सरकार ने अभी तक इस बारे में कोई कार्रवाई नहीं की है..और करे भी क्यों...इससे सरकार को कोई राजनीतिक नफा-नुकसान होने वाला नहीं है...गांधी तो राजनीति के लिए हैं..उनका नाम अक्सर लिया जाता है...जनता को बरगलाने के लिए..खादी की लिबास में बड़े-बड़े राजनेता चुनावी मंच से गांधी के आदर्शों पर चलने की बात करते हैं..यानी दिन में रघुपति राघव राजाराम...लेकिन शाम होते ही ढाई सौ ग्राम के फेर में पड़कर बापू को भूलने में पल भर भी नहीं लगाते हैं..चुनावी बिगुल बज चुका है..आने वाले दिनों में गांधी की विरासत पर सियासी पार्टियां अपना-अपना हक जताने की पूरी उधेड़बुन में रहेंगी...क्योंकि लोकतंत्र का सबसे बड़ा त्योहार शुरू हो चुका है...तो जाहिर है गांधीवाद और गांधीगीरी में कुछ तो फर्क रहेगा ही...






सुधाकर सिंह

संप्रति- टीवी पत्रकार

07-3-2009

मोबाइल- 09396582442

1 comment:

Unknown said...

हिन्‍दी पाठको को ज्ञान बांटने के साथ साथ खुद भी सफलता प्राप्‍त करेंगे …..हमारी शुभकामनाएं आपके साथ हैं। D.N.SINGH
SWABHIMANPURM BALRAMPUR