ग़रीब सीता के घर पे कब तक रावण की हुक्मरानी रहेगी...
द्रौपदी का लिबास कब तक उसके बदन से उतरा करेगा...
शकुंतला कब तक अंधी तक़दीर के भंवर में फंसा करेगी...
ये लखनऊ की शिगूफाई मक़बरों में कब तक दबी रहेगी...
अली सरदार जाफरी
अवध की ख़ाक-ए-हसीन से लिया गया अंश...
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